1857 रोटी कमल यात्रा
अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति भारतवर्ष की आजादी का पहला द्वार थी. इसकी 150वीं वर्षगांठ पर इस संग्राम के क्रांतिकारियों की स्मृति में भारत भक्ति संस्थान द्वारा अन्य कई संस्थाओं के साथ मिलकर देश के अनेक भागों में सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए गए.
इसी क्रम में मध्यप्रदेश शासन के सहयोग से प्रदेश के हर जिले में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जनाभियान परिषद् के सहयोग से आयोजित हुई इस यात्रा के अंतर्गत मंचीय कार्यक्रम हुए तथा विभिन्न ग्रामों में रोटी-कमल यात्राये निकाली गई. लगभग एक वर्ष तक इन यात्राओं और कार्यक्रमों का सिलसिला चलता रहा.